वरिष्ठ संवाददाता, शिवम शर्मा
कानपुर। सीसामऊ से सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी द्वारा वनखंडेश्वर मंदिर में दीपावाली के दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने के बाद कानपुर में नए तरीके की सियासत शुरू हो गई है। वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने मंदिर में जल चढ़ाने को इस्लाम के खिलाफ बताते हुए पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी और सपा प्रत्याशी नसीम के खिलाफ फतवा भी जारी कर दिया है।
बता दें कि, पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी और सपा प्रत्याशी नसीम ने दिवाली पर जिस मंदिर में जल चढ़ाया था। हरिद्वार से 1000 गंगाजल मंगाकर पुजारियों ने उस मंदिर का शुद्धिकरण किया। इस पूरे मामले के बाद नसीम सोलंकी का पहली बार बयान सामने आया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि, मैं तकलीफ में हूं, जहां कोई कहता है, वहां चली जाती हूं। इसमें वोट बैंक की कोई राजनीति नहीं है। हमें हर वर्ग का वोट मिलता है। मंदिर जाने से पहले हमने 1 मिनट नहीं सोचा कि मुझे जाना चाहिए या नहीं। हमारे मजहब में ये नहीं बोला गया है कि आप किसी मजहब का निरादर करें। दरअसल पूरा मामला यह है कि, दिवाली पर सपा प्रत्याशी नसीम वनखंडेश्वर मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की। जिसके बाद इसके बाद ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नसीम के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। जिसमें कहा गया है कि, जिस भी महिला ने ऐसा किया है, वह शरीयत की मुजरिम है। उसको तौबा करना चाहिए और दोबारा कलमा पढ़ना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ वनखंडेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी रामनरेश मिश्र का कहना है की बिना किसी पूर्व सूचना के नसीम के मंदिर पहुंचने से भक्तों में काफी आक्रोश है। बताया कि, इरफान सोलंकी और मुश्ताक सोलंकी कभी गर्भगृह में नहीं आए हैं। कभी मंदिर को राजनीति का अड्डा नहीं बनने दिया। मुख्य पुजारी ने कहा नसीम सोलंकी अगर आने के बाद किसी पुजारी को बता देतीं, तो उनको आचमन कराकर उनका शुद्धीकरण कराकर दिया जाता, और अगर उन्हें हमारे आराध्य से इतना लगाव है तो पहले भी आ सकती थीं। चुनाव के समय आने की क्या जरूरत पड़ गई।
वहीं दूसरी तरफ ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सीसामऊ से सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। जारी फतवा में कहा है कि, जिस महिला ने ऐसा किया है, वह शरीयत की मुजरिम है। उसे अल्लाह से तौबा करने के साथ ही उन्हें दोबारा कलमा पढ़ना चाहिए।