विधि संवाददाता, एडवोकेट रविशंकर तिवारी
प्रतापगढ़। पीड़ितो को समय पर न्याय और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई किए जाने के लिए योगी सरकार के सख्त निर्देश के बावजूद प्रतापगढ़ जिला अन्तर्गत महेशगंज थाना पुलिस अपनी कार्यशैली बदलने को तैयार नहीं है। यही कारण है की जिस समस्याओं का निस्तारण थाना स्तर पर हो जाना चाहिए उसके लिए भी पीड़ितों को न्याय के लिए मुख्यमंत्री का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला महेशगंज थाना अन्तर्गत जगतपुर ऐंधा गांव से सामने आया है। जहां जमीन विवाद को लेकर हुए खूनी संघर्ष मामले में न्याय के लिए पीड़ित परिजन थाने से लेकर एसपी ऑफिस तक का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कहीं से न्याय नहीं मिल पाया है। जिसके बाद पीड़ित परिजनों ने न्याय के लिए मुख्यमंत्री का दरवाजा खटखटाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत 30 अगस्त को महेशगंज थाना अन्तर्गत जगतपुर ऐंधा गांव में जमीनी रंजिश को लेकर दो परिवार के बीच खूनी विवाद हो गया था।
जिसमें छेदीलाल पुत्र राजाराम समेत उनके परिवार के अन्य सदस्यों को घर पर चढ़कर लाठी डंडे से हमला कर दिया था। पीड़ित छेदीलाल का आरोप है कि, उक्त गांव निवासी राम सजीवन पटेल, राम नरेश, भाई लाल, सुशील कुमार समेत अन्य लोगों ने लाठी डंडे और धारदार हथियारों से उनके और उनके परिवार पर अचानक हमला कर दिया। जिससे सभी गंभीर रूप से घायल हो गए। हल्ला गुहार सुनकर आस पास के लोगों के इकट्ठा होने के बाद हमलावर जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए। एंबुलेंस से सभी घायलों को भर्ती कराया गया। गम्भीर रूप से घायलों को प्रयागराज रेफर कर दिया गया था। जिसके बाद पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी (0186/24) दर्ज कर लिया। लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पीड़ित का आरोप है की महेशगंज थाना पुलिस आरोपियों के दबाव में कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही है। उल्टा पुलिस ने पीडितों के खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया है। पीड़ित का आरोप है की महेशगंज थाना प्रभारी ने विपक्षी आरोपियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करने की बात कर रहे हैं। आरोप है को थाना प्रभारी ने पीड़ितो को यह कहकर डांटकर भगा दिया की आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, जहां तक दौड़ लगाना है लगा कर देख लो। इससे परेशान पीड़ित परिजन न्याय की उम्मीद लेकर एसपी ऑफिस प्रतापगढ़ गए। तीन बार पुलिस अधीक्षक से न्याय की फरियाद की लेकिन वहां से भी उन्हे अश्वासन ही मिला, लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद पीड़ित परिजनों ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर मुख्यमंत्री से शिकायत की है।