स्टेट हेड, शशांक धर द्विवेदी
प्रयागराज। कुंभ नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुम्भ के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विधि विधान के साथ कलश स्थापित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने 5700 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का भी शिलान्यास-उद्घाटन किया। वहीं आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमन्त्री ने कहा कि, गुलामी के कालखंड में भी कुंभ की आस्था नहीं रुकी। कुंभ नगरी प्रयागराज संगम आकर संत-महंत, ऋषि-मुनि, ज्ञानी-विद्वान सब एक हो जाते हैं। यहां आने के बाद जातियों का भेद खत्म हो जाता है और संप्रदायों का टकराव मिट जाता है। धार्मिक एवं पौराणिक महत्व के आधार पर प्रयागराज वो स्थान है, जिसके प्रभाव के बिना पुराण भी पूरे नहीं होते। पीएम मोदी ने कहा कि, यह महाकुंभ, एकता का महायज्ञ है। इसमें हर तरह के भेदभाव की आहुति दी जाती है। आयोजित जनसभा को संबोधित करने से पूर्व पीएम मोदी अरैल घाट से निषादराज क्रूज में सवार होकर संगम तट तक की यात्रा की। जिसके बाद यहां उपस्थिति साधु-संतों से मुलाकात करने के बाद संगम नोज पर 30 मिनट गंगा पूजन कर मां गंगा को चुनरी और दूध चढ़ाया। जिसके बाद सेल्फी पॉइंट पर पीएम मोदी ने फोटो खिंचवाई। यहां के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्षयवट की परिक्रमा कर लेटे हनुमान जी का विधिवत पूजन-अर्चन करने के बाद हनुमान मंदिर कॉरिडोर का मॉडल देखा। इस दौरान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। बता दें कि, प्रधानमंत्री का हेलिकॉप्टर सुबह साढ़े 11 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर उतरा और दोपहर ढाई बजे दिल्ली के रवाना हो गए।