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सीएम योगी को हटाने की साजिस का सबसे बड़ा सर्वे, पढ़िए 15 पेज के रिपोर्ट में कैसे हो रही योगी आदित्यनाथ की घेराबंदी

लखनऊ। बीते लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केंद्रीय नेतृत्व के निशाने पर चल रहे हैं। जबकि कुछ एक कारणों को छोड़ दिया जाए तो यूपी में भाजपा के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदार खुद केंद्रीय नेतृत्व है। जिनके अति आत्मविश्वास और अहंकार की वजह से लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी है। चर्चा यह भी है की सीएम योगी की बेदाग छवि और ताबड़तोड़ एक्शन की वजह से लगातार बढ़ रही योगी की लोकप्रियता भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को रास नहीं आ रही है। जिसकी वजह से लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में खराब प्रदर्शन को माध्यम बनाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घेराबंदी की जा रही है। जबकि जमीनी स्तर पर जनता से मिले फीडबैक के अनुसार यूपी में भाजपा के खराब प्रदर्शन का कारण गलत और निष्क्रिय लोगों को टिकट देना बताया जा रहा है। जिसके लिए सीएम योगी के बजाय केंद्रीय नेतृत्व को जिम्मेदार बताया जा रहा है। जबकि टिकट वितरण में योगी आदित्यनाथ की भूमिका न के बराबर रही है। अब केंद्रीय नेतृत्व उत्तर प्रदेश के राजनीति का चेहरा ऐसे व्यक्ति को बनाने की तैयारी में है, जो बीते विधानसभा चुनाव में खुद की भी सीट नहीं बचा पाए थे। यूपी की गद्दी से सीएम योगी को हटाने के लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं। जिन्होंने संगठन को सरकार से बड़ा बताते हुए साफ तौर पर सीएम योगी के नेतृत्व पर सीधे तौर पर प्रश्न चिन्ह लगाया है। वहीं उत्तर प्रदेश में भाजपा के बेहद खराब प्रदर्शन का ठीकरा फोड़ने के लिए आंतरिक सर्वे रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है।


खराब प्रदर्शन की वजह को लेकर केंद्रीय नेतृत्व को सौंपा 15 पेज का इंटरनल रिपोर्ट

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पार्टी आलाकमान को लोकसभा चुनाव में यूपी में संतोषजनक प्रदर्शन न कर पाने की मुख्य वजह कार्यकर्ताओं के असंतोष को बताया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भूपेंद्र चौधरी ने लोक सभाचुनाव के नतीजों पर उत्तर प्रदेश के सभी 80 लोकसभा सीटो पर 40 हजार कार्यकर्ताओं से बातचीत के आधार पर 15 पेज का फीडबैक रिपोर्ट बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है की पश्चिमी यूपी, ब्रज, कानपुर बुंदेलखंड, अवध, गोरखपुर और काशी क्षेत्र में पार्टी के वोट प्रतिशत में कम से कम 8% की कमी आई है। पार्टी के अपने आंकड़ों के अनुसार पश्चिम और काशी क्षेत्र में पार्टी का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। यहां भाजपा को 28 में से महज 8 सीट पर ही जीत मिली है। इसी प्रकार भाजपा को ब्रज के 13 सीट में से 8 सीट, गोरखपुर में 13 में से 6 सीट और अवध में 16 सीट में सिर्फ 7 सीट पर जीत मिली है। जबकि कानपुर और बुंदेलखंड में भाजपा अपनी मौजूदा सीट भी नहीं बचा पाई है। इस क्षेत्र में बीजेपी को 10 में से चार सीट मिली है।
यूपी प्रदेश अध्यक्ष द्वारा सौंपी गई इंटरनल रिपोर्ट में यूपी में भाजपा के खराब प्रदर्शन के लिए कई कारण बताए गए हैं। जिसमें सरकार के प्रति कार्यकर्ताओं में असंतोष, अधिकारियों और प्रशासन की मनमानी, नौकरियों के लिए लीक हुए पेपर, आरक्षण का मुद्दा, राजपूत समाज की पार्टी से नाराजगी, संविधान बदलने को लेकर पार्टी नेताओं द्वारा दिए गए बयान, टिकट वितरण में जल्दबाजी, पुरानी पेंशन बहाली, आर्मी में स्थाई नियुक्ति के बजाय अग्निवीर भर्ती से नाराजगी को मुख्य कारण बताया गया है।

नोट- अगर इसपर आपकी भी कोई प्रतिक्रिया है, तो कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं।

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