श्रीराम-कृष्णमय हुआ प्रतापगढ़
प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा- हिंदू समाज अब जागने लगा है और जात-पात से ऊपर उठ रहा है। उन्होंने एक पहलवान की कहानी सुनाकर एकता का संदेश दिया, जिसमें बताया अगर लकड़ियां एक-एक करके दी जाएं, तो उन्हें आसानी से तोड़ा जा सकता है, लेकिन जब लकड़ियां एक साथ हों, तो उन्हें तोड़ पाना मुश्किल होता है। इसी तरह, अगर हिंदू समाज बंटा रहेगा, तो उसे तोड़ा जा सकता है, लेकिन अगर एकजुट हो गया, तो कोई उसे नहीं हरा सकेगा पंडित धीरेंद्र शास्त्री पट्टी रामपुर खागल में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा और स्मृति महोत्सव के अंतिम दिन बोल रहे थे। 18 अक्टूबर को कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। धीरेंद्र शास्त्री गुरुवार शाम करीब 4 बजे हेलिकॉप्टर से कथा स्थल पर पहुंचे।
मंच पर पहुंचकर रामभद्राचार्य महाराज का आशीर्वाद लिया। इसके बाद बोलना शुरू किया। वह करीब साढ़े तीन मिनट तक बोले। उन्होंने श्री रामचरितमानस के दो प्रमुख चौपाइयों का उल्लेख करते हुए कहा, संतों का मिलना पुण्य का फल है, लेकिन जब संत स्वयं चलकर किसी के पास आएं, तो समझना चाहिए कि भगवान की विशेष कृपा हुई है। शास्त्री ने बताया कि भारत के संत महात्मा अब धर्म विरोधियों के खिलाफ खड़े हो गए हैं, और यह संतों का समागम उसी का परिणाम है।
लाखों की भीड़, कुंभ जैसा नजारा
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के आगमन पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव में लाखों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह 11 बजे से ही भक्तों का पंडाल में आना शुरू हो गया था। औ दोपहर तक हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के आगमन पर पंडाल जयकारों से गूंज उठा। भक्तों में महाराज के दर्शन करने की होड़ थी। कई जिलों से लोग विशेष रूप से इस आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। शास्त्री ने इसे 2024 में ही कुंभ की झलक बताया और कहा कि परम पूज्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी की कृपा से यह समागम संभव हुआ है।