वरिष्ठ विधि संवाददाता, राहुल सिंह
प्रयागराज। गाजियाबाद जिला न्यायालय परिसर में पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक हुए लाठी चार्ज के विरोध में यूपी बार काउंसिल ने चार नवंबर को प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। उक्त संबंध में पत्रकारों से बातचीत के दौरान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने घटना की घोर निंदा की। कहा कि, पुलिस की इस बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज के खिलाफ में चार नवम्बर को प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन के साथ ही आगे को रणनीति तय की जाएगी। हाइकोर्ट बार कौंसिल के अनुसार गाजियाबाद जिला जज के निर्देश पर न्यायालय परिसर में पुलिस ने वकीलों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया है। जिसमें कई अधिवक्ताओं को गंभीर चोट आयी है। जो उपचाराधीन हैं। ऐसे में बार कौंसिल ने इस घटना पर कड़ा विरोध और एतराज जताया है। साथ ही गाजियाबाद जिला जज की भी घोर निंदा की है। बार कौंसिल ने निर्णय लिया है कि इस मामले की जांच कर रही कौंसिल की पांच सदस्यीय समिति की आख्या आने के बाद उसमें जो भी न्यायिक, प्रशासनिक या पुलिस के अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। बार कौंसिल ने यह भी निर्णय लिया कि उक्त संबंध में जल्द ही मुख्य न्यायाधीश को गाजियाबाद जिला जज द्वारा अधिवक्ताओं पर दिए गए लाठी चार्ज के खिलाफ के प्रदेशभर में अधिवक्ताओं के रोष से भी अवगत कराया जाएगा। हाईकोर्ट बार कौंसिल अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि न्याय पालिका को इस बात पर पुनर्विचार करना चाहिए कि वह वकीलों के साथ किस तरह का सामंजस बनाकर न्यायिक व्यवस्था को आगे बढ़ाना चाहती है। कहा कि वकील न्याय पालिका के सामने हमेशा अपना सिर झुकाए रहता है। यह बेंच को भी समझना चाहिए की वह अकेले न्याय पालिका नहीं चला सकती है। इसलिए उसे वकीलों के साथ संबंधों पर पुनर्विचार करना चाहिए। गाजियाबाद जिला न्यायालय परिसर की घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए अनिल तिवारी ने बताया कि, इस सम्बंध में हमने चार नवंबर को आपात बैठक बुलाई है। जिसमें वकीलों पर हुए बर्बरतापूर्वक लाठी चार्ज के खिलाफ आगे की रणनीति तय की जाएगी।