बेबाक मीडिया
झांसी। जिले के मऊरानीपुर कोतवाली क्षेत्र के देवरी घाट पुलिस चौकी अंतर्गत पठा कबूतरा डेरा पर कच्ची शराब उतारने की नौकरी कर रहे मजदूर की अधिक शराब पीने से मौत हो गई। उसका शव डेरा पर ही पड़ा था। मृतक के भाई ने आरोप लगाया कि डेरा पर कबूतरे मजदूरी का मेहनताना शराब के रूप में देते थे। जिले के मऊरानीपुर के घाट कोटरा निवासी मृतक राजेश (35) पुत्र मुरली पठा कबूतरा डेरा में शराब निर्माण का कार्य करता था। मृतक के छोटे भाई अवध ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डेरा मालिक कबूतरा मजदूरी के बदले मजदूरों को पैसे नहीं, बल्कि शराब पिलाते हैं। आज उसे सूचना मिली कि उसका भाई बेहोशी की हालत में डेरा पर पड़ा हुआ है। उसने तुरंत देवरी घाट पुलिस चौकी प्रभारी को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और उसे सरकारी वाहन से मऊरानीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे पर लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मृतक के भाई अवध के अनुसार उसका भाई राजेश कबूतरा डेरा पर मजदूरी करता था, आरोप है कि, मजदूरी के बदले उसे केवल जहरीली कच्ची शराब मिलती थी। कबूतर डेरा के पास भाई का शव मिला, उसके बगल में शराब की पॉलिथीन पड़ी हुई थी। उसने बताया कि मृतक अपने पीछे पत्नी और एक छोटे बच्चे को छोड़ गया है। अवध ने बताया की लगभग एक सप्ताह पूर्व कच्ची शराब से उसके एक और भाई की मौत हो चुकी है। जिससे अब दोनों भाई के बच्चे समेत पूरा परिवार बेसहारा हो गया है। छोटे भाई ने दोषियों पर कार्यवाही और न्याय की मांग की है। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।
डेरा पर श्रमिक की शराब से मौत ने आबकारी व पुलिस विभाग की की सक्रियता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया दिया है कि, आखिर कब तक इस तरह के अवैध धंधों के चलते निर्दोष जानें जाती रहेंगी? इसका जिम्मेदार सीधे तौर पर जिला आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन है।
हालांकि इस संबंध में पूछे जाने पर झांसी जिला आबकारी अधिकारी ने संभावना जताई है कि, उसकी मौत देसी शराब पीने से नहीं गिरने से हुई है। मृतक के भाई के बयान का खण्डन करते हुए कह कि, वह दबाव में दिलाया गया बयान है, मृतक के द्वारा दिए गए तहरीर के आधार पर जांच कराई जा रही है, मौत का असली कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।