यूं तो पूरे भारत में 8338 रेलवे स्टेशन है। जिसमें से सात रेलवे स्टेशन किसी अजूबे से कम नहीं है। जिसे देखने के लिए भारत समेत विदेशों से भी लोग आते हैं और इस अजूबे को अपने कैमरे में कैद करना नहीं भूलते। आज हम आपको ऐसे ही भारत के चर्चित और ऐतिहासिक सात रेलवे स्टेशनों के बारे में बताएंगे जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। जिसमें पहला रेलवे स्टेशन है।
1➡️हावड़ा रेलवे स्टेशन
यह रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित है। यह भारत का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है। यह बंगाल की प्रसिद्ध नदी हुगली के किनारे पर बना है| जो 23 प्लेटफॉर्म और 26 रेलवे ट्रैक के साथ सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन भी है। यह अपने इतिहास को आज भी वैसे ही संजोए हुआ जैसे 100 साल पहले था। जिससे
आज भी देशी और विदेशी पर्यटक इसकी खूबसूरती और भव्यता को देखकर मंत्रमुग्ध हो जातें हैं| हावड़ा स्टेशन का निर्माण लाल पत्थरों से किया गया है। यह स्टेशन ब्रिटिश इंजीनियरों की अव्वल दर्जे की कारीगरी और कौशल का बेहतरीन उदाहरण है। इसमें आपको देखने के लिए रोमन और पारंपरिक बंगाली आर्किटेक्चर का मिश्रण मिलेगा| इस स्टेशन की पहचान एक बड़ी घड़ी हैं जिसको बंगाली भाषा में ‘बोरो’ घड़ी के नाम से जाना जाता है| जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है।
2➡️ महाराष्ट्र का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस
यह भारत का दूसरा अजूबा रेलवे स्टेशन है। जो अपने आप में बेहद भव्य और ख़ास हैं| यह स्टेशन खुद में ज्यादा खास है, कि इसे यूनेस्को द्वारा विश्व हेरिटेज साइट का गौरव भी प्रदान किया जा चुका है| इसे पहले विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से जाना जाता था| इस स्टेशन की डिज़ाइन में विक्टोरियाई गोथिक के साथ ही साथ पारंपरिक भारतीय आर्किटेक्चर की भी झलक देखने को मिलती है| इसके ढांचे में कई तरह के गुंबद और मीनारें हैं| इसकी शोभा बढ़ाने के लिए इसपर 8 सितारों का गुंबद भी बनाया गया है| इस स्टेशन को एफ. डब्ल्यू स्टीवंस ने डिजाईन किया था| जिसे मूर्त रूप देने में लगभग 10 वर्ष लगे थे। इस स्टेशन को महारानी के गोल्डन जुबली के दिन आम पब्लिक के लिए खोला गया था|
3➡️ तेलंगाना का काचिगुडा स्टेशन
यह भारतीय रेलवे स्टेशनों के इतिहास का तीसरा सबसे बड़ा अजूबा है। इस स्टेशन का निर्माण वर्ष 1916 में निजाम अली खान के शासन में किया गया था। इस स्टेशन स्टेशन को रेलवे के गोदावरी वैली लाइट योजना के तहत बनवाया गया था, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिल सके। व्यापारिक रूप से बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन से देश के बड़े राज्यों को जोड़ा गया। मुंबई स्टेशन भी एक था| इस स्टेशन की एक खास बात और थी, कि यहां महिलाओं के लिए एक अलग हिस्सा बना था| जहां से महिलाएं आराम से ट्रेन पर चढ़ और उतर सकें| उस समय पर्दा प्रथा का चलन था| स्टेशन पर बने रेलवे म्यूजियम को यहां आने वाला हर पर्यटक बहुत पसंद करता है| इस स्टेशन पर 100 साल पुरानी सीढ़ियाँ आप देख सकते हैं।
4➡️ लखनऊ का चारबाग स्टेशन
नवाबों के शहर के नाम से मशहूर लखनऊ शहर भारत ही नहीं पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां का चारबाग रेलवे स्टेशन बहुत ही भव्य और आकर्षक है। 1914 में निर्मित लखनऊ शहर की शान मानी जाने वाली इस ईमारत की डिजाईन जे एच हॉर्निमेन ने तैयार किया था| इस स्टेशन की शोभा बढ़ाने के लिए मुग़लिया कारीगरी के साथ-साथ राजस्थानी संस्कृति से जुड़ी चीजों का प्रयोग किया गया है। जिसे गाढ़ा लाल और सफेद रंग में बनाया गया था, इस वजह से यह स्टेशन दूर से देखने पर भी साफ-साफ दिखाई देता हैं| इस स्टेशन पर आपको बड़े-बड़े गुंबद और मीनारों के साथ ही एक हरा-भरा बगीचा भी देखने के लिए मिलता है, जो इस स्टेशन की शोभा चार चाँद लगा देता है| यह स्टेशन बाहर से देखने पर किसी महल जैसा दिखेगा| वहीं अगर इसे हेलीकाप्टर पर बैठकर देखते है, तो आपको यह शतरंज के बोर्ड जैसा दिखाई देगा| यहां की एक ख़ास बात यह भी है कि, अगर आप बाहर के किसी पोर्च के पास खड़े रहेंगे, तो आपको किसी भी ट्रेन की आवाज नही सुनाई देगी| इसी स्टेशन पर महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के बीच पहली निजी बैठक हुई थी| इस बैठक की याद के तौर पर यहां एक पत्थर भी लगाया गया था|
5➡️ तमिनाडु का रोयापुरम स्टेशन
रोयापुरम स्टेशन भारत का दूसरा सबसे पुराना स्टेशन है| वर्तमान समय में इसकी सबसे बड़ी खास बात यह है, कि इस स्टेशन में अभी तक कोई छेड़-छाड़ नहीं हुआ है, यह जैसे पहले था, वैसे अब भी है| इस स्टेशन का उद्घाटन 1856 में किया गया था। यह स्टेशन कोलोनियल आर्किटेक्चर का एक बेहतरीन नमूना है| आपके मन में यह सवाल जरुर आया होगा, कि यही जगह क्यों, तो आपको बता दें कि इस स्टेशन से नजदीक ही ब्रिटिश कारोबारियों की बस्ती थी| इसलिए रोयापुरम को ही चुना गया था| जिससे कई वर्ष पूर्व ही सरकार ने इस ऐतिहासिक इमारत में किसी भी तरह के बदलाव करने पर पाबंदी लगा थी| इसलिए यह स्टेशन आज भी वैसे है जैसे 166 साल पहले था।
6➡️ हिमाचल प्रदेश का बड़ोग स्टेशन
इस रेलवे स्टेशन को घूमने के शौक़ीन और पहाड़ो पर सैर करने वालों के लिए स्वर्ग कहा जाता है। बड़ोग स्टेशन इसलिए भी खास है, क्योंकि यहां से पहाड़ो का बेहतरीन नजारा और खूबसूरत वादियाँ देखने को मिलती है| 1903 में बने इस स्टेशन के बारे में लोग कहते हैं कि, कालका-शिमला टनल बनाने वाले इंजीनियर के भूत आत्मा की वजह से इस रूट से इस यात्रा के दौरान सफ़र करने वाले लोग सहम जाते हैं| कर्नल बड़ोग का मानना था, कि शिमला के दोनों तरफ से एक सुरंग हैं, जो आगे जाकर आपस में मिल जाती हैं| इसलिए कर्नल बड़ोग ने 1898 में दोनों तरफ से खुदाई शुरू करवाई, लेकिन वह सुरंग कहीं नही मिली| जब इस बात की जानकारी ब्रिटिश ऑफिशियल्स को हुई तो उनके ऊपर सरकारी खजाने की बर्बादी के लिए 1 रुपए का फाइन लगाया था। इस बेज्जती को कर्नल बड़ोग सह नहीं पाए और उन्होंने उसी गुफा में अपने आप को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी| उसके बाद ब्रिटिश इंजीनियरों की मदद से एक नई गुफा बना दी गई थी। यह गुफ़ा कालका-शिमला रूट पर स्थित है| पहाड़ो पर स्थित कालका-शिमला रुट के दौरान 100 गुफ़ा और 800 ब्रिज पार करने पड़ते हैं| जो इस सफ़र रोमांचक और यादगार बनातें हैं|
7➡️ पंजाब का अटारी स्टेशन
यह एकमात्र ऐसा रेलवे स्टेशन है जहां यात्रियों को वीजा लेकर जाना होता है। यह रेलवे स्टेशन अमृतसर शहर के भारत-पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ है| यहां आपको जाने के लिए पाकिस्तान का वीजा होना जरुरी है| भारत का यह मात्र एक ऐसा स्टेशन है जहां आपको जाने के लिए वीजा की जरुरत पड़ती हैं| यह स्टेशन हमेशा सुरक्षा बालों की सख्त निगरानी में रहता है| अगर कोई यात्री बिना वीजा के यहां पकड़ा जाता है तो उस पर (14) फारेन एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया जाता है।
Very Nice work
thank you so much
बेहतरीन जानकारी थैंक्स “बेबाक मीडिया”